काँच सा दिल काँच सा दिल है मेरा, बड़ा नाजुक सा दिल रखता हूँ। भावुक सा दिल है मेरा, अक्सर दिल पे बात ले लेता हूँ। दर्द किसी को देता नहीं, किसी के दर्द में पिघल जाता हूँ। मेरे दिल से खेले कोई, मैं बर्दास्त नहीं कर पाता हूँ। अरमानों को तोड़ दे कोई, मैं वो आघात नहीं सह पाता हूँ। किसी का मजाक उड़ाऊँ, मैं ऐसा दिल नहीं रखता हूँ। किसी पे हँसना फितरत नहीं, मैं अक्सर खुद पे हँस लेता हूँ। दर्द जब भी दिल में होता है, अक्सर मैं बिखर जाता हूँ। काँच सा दिल है मेरा, बड़ा नाजुक सा दिल रखता हूँ।। काँच सा दिल है मेरा। #Dil #दिल #Nojoto #NojotoHindi #कविता