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"मैं जब भी विचारों के गहरे कुएं में, बुद्धि रूपी ब

"मैं जब भी विचारों के गहरे कुएं में,
बुद्धि रूपी बाल्टी डालता हूँ,
एक न एक पवित्र विचार, 
अवश्य निकल कर आता है।"

©Rahul Ashesh "मैं जब भी विचारों के गहरे कुएं में,
बुद्धि रूपी बाल्टी डालता हूँ,
एक न एक पवित्र विचार, 
अवश्य निकल कर आता है।"
"मैं जब भी विचारों के गहरे कुएं में,
बुद्धि रूपी बाल्टी डालता हूँ,
एक न एक पवित्र विचार, 
अवश्य निकल कर आता है।"

©Rahul Ashesh "मैं जब भी विचारों के गहरे कुएं में,
बुद्धि रूपी बाल्टी डालता हूँ,
एक न एक पवित्र विचार, 
अवश्य निकल कर आता है।"
rahulmeena5478

Rahul Ashesh

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