"मैं जब भी विचारों के गहरे कुएं में, बुद्धि रूपी बाल्टी डालता हूँ, एक न एक पवित्र विचार, अवश्य निकल कर आता है।" ©Rahul Ashesh "मैं जब भी विचारों के गहरे कुएं में, बुद्धि रूपी बाल्टी डालता हूँ, एक न एक पवित्र विचार, अवश्य निकल कर आता है।"