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घुटनों के बल चलते चलते जानें कब में खड़ा हुआ। तेर

घुटनों के बल चलते चलते जानें कब में खड़ा हुआ।

तेरी ममता की ठंडी छाव में जानें कब में बड़ा हुआ।

काला टीका रोज लगाती बुरी नजर से बचाने को।

प्यार से अपना दिल लगाती लला को सजाने को।

सीधा हूँ या उल्टा पर तेरे लिए तो माँ में सच्चा हूँ।

चाहें कितना बड़ा हों जाऊ पर तेरे लिए तो बच्चा हूँ।

गोद में जिसकी सर रखकर झट से नींद आ ज़ाती है। 

खुद की सारी थकान भूलकर मुझसे लाड़ लड़ाती हैं। 

ज़रा सी चोट लग जाये तों दोङी दोङी चली आतीं हैं।

आँखों में आँसू कों रखकर दिल से डांट लगाती हैं।

हम भी है सबसे खुशनसीब जिनको माँ का सहारा है। 

दुनिया की हर मोहब्बत से ज्यादा माँ का प्रेम प्यारा है।

©Vivek Dhawan #Mother #Hindi #hindi_poetry #Poet #poem #nojohindi #nojota #Shayar #Nature #Soul Richa Chaubey
घुटनों के बल चलते चलते जानें कब में खड़ा हुआ।

तेरी ममता की ठंडी छाव में जानें कब में बड़ा हुआ।

काला टीका रोज लगाती बुरी नजर से बचाने को।

प्यार से अपना दिल लगाती लला को सजाने को।

सीधा हूँ या उल्टा पर तेरे लिए तो माँ में सच्चा हूँ।

चाहें कितना बड़ा हों जाऊ पर तेरे लिए तो बच्चा हूँ।

गोद में जिसकी सर रखकर झट से नींद आ ज़ाती है। 

खुद की सारी थकान भूलकर मुझसे लाड़ लड़ाती हैं। 

ज़रा सी चोट लग जाये तों दोङी दोङी चली आतीं हैं।

आँखों में आँसू कों रखकर दिल से डांट लगाती हैं।

हम भी है सबसे खुशनसीब जिनको माँ का सहारा है। 

दुनिया की हर मोहब्बत से ज्यादा माँ का प्रेम प्यारा है।

©Vivek Dhawan #Mother #Hindi #hindi_poetry #Poet #poem #nojohindi #nojota #Shayar #Nature #Soul Richa Chaubey
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Vivek Dhawan

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