""""""एक गुरु जा रहा है""" खुद से खुद को तड़पाते जा रहा है फिर भी जीवन का पाठ पढ़ाते जा रहा है इंसान है या फरिश्ता इस बात का भी खुलासा किए बिन सबके दिलों में एक घर बनाते जा रहा है कोई गालियां देता है सुन उसकी बातें तो कोई तालियां बजाता है फिर भी वह सच से सबको रूबरू कराते जा रहा है क्या कहते हैं लोग उसे फिक्र नहीं वो तो मगन हो, ज्ञान का दीप जलाते जा रहा है खुद ना जाने किस गम को लिए भटक रहा है फिर भी घर _घर तक खुशियां पहुंचाते जा रहा है खुदा दीवाना है, उनका दिया काम कर रहा है जिस पर लोग कहते हैं पागल है ,भोक्ता जा रहा है इस बात को भी वो भूलते जा रहा है खुद को गिराकर भी ,सबको उठाते जा रहा है खुद की फिक्र नहीं है उसे वह तो दुनिया के फिक्र में जीवन गुजारता जा रहा है @#खुशबू कुमारी #गुरु#प्रेम#कविता