कल शाम की बात से उदास हूं मैं हताश हूं मैं फूलों की तरह, शुलों की तरह महकाने के लिए, चुभाने के लिए इसीलिए बदहवास हूं मैं बे मौसम की बातें, बातें पुरानी जो दर्द दे जाती हैं रूमानी–रूमानी बातों की चटनी का स्वाद ही अजीब है So उदास हूं मैं, हताश हूं मैं, बदहवास हूं मैं। कल शाम की बात से उदास हूं मैं हताश हूं मैं #फूलों की तरह, #शुलों की तरह महकाने के लिए, चुभाने के लिए इसीलिए बदहवास हूं मैं बे मौसम की बातें, बातें पुरानी जो दर्द दे जाती हैं रूमानी–रूमानी बातों की #चटनी का स्वाद ही अजीब है