बताना और समझाना है तुम्हें अब तुम कम याद आते हो मुझे बादल तुम्हारी यादों के कम घहराते हैं छा जायें कभी तो बिन बरसे गुजर जाते हैं भटकती थी मैं अतीत की गहन गुफाओं में अब रातें भी कम अँधियारी लगती हैं मुझे सोचती थी भूल ना सँकूगी कभी तुमको अब भूली-बिसरी स्मृति बन चुके हो तुम दायरा सोच का सीमित हो चुका था तुम तक अब सोच की सीमा के बाहर जा चुके हो तुम लगता था जी ना सकूँगी बिछुड़कर तुमसे कभी अब जिंदगी को भरपूर जीना सीख चुकी हूँ मैं बताना है तुम्हें अब तुम कम याद आते हो मुझे बादल तुम्हारी यादों के बिन बरसे गुज़र जाते हैं अब..! Muनेश...Meरी✍️🌺 कभी कभी हालात ऐसे हो जाते हैं कि हमेशा याद आने वाले लोग भी कम-कम ही याद आते हैं। #कमयादआतेहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi