दिसंबर की रातों में तेरी यादों का लिपटना सर्द हवाओं का जैसे दरवाज़ों पर ठिठक जाना गुनगुनी सी धूप का कालेमेघों से झांकना दिसंबर की रातों में तेरी यादों का लिपटना नन्हें से डैनों का जैसे धीरे से फड़फड़ाना शबनम की बूंदों का दरख़्तों पर सज जाना दिसंबर की रातों में तेरी यादों का लिपटना सावन का जैसे झूम कर बरसना सोंधी सी महक का ज़ेहन में घर कर जाना दिसंबर की रातों में तेरी यादों का लिपटना पलकों के चिलमन में जैसे तेरा बस जाना ख़ामोश लबों पर तेरा ठहर जाना दिसंबर की रातों में तेरी यादों का लिपटना सारिका "सारा" #nojoto #nojotohindi #poetry #kavishala #books #december