उसे इक रोज़ दिल की बात कह दी, " ज़रूरत है तुम्हारी ज़िंदगी को !" हुआ क्या बाद में मैं सच बताऊं ? मुहब्बत खा गई फिर दोस्ती को ! # vivek bijnori # ©Azeem Khan #मुहब्बत खा गई vivek bijnori poetry#