खुले आम दुश्मनी कर ले, यू झूठी दोस्ती का दिखावा मत कर। डूबती कश्ती में बिठा, माँझी बनने का छलावा मत कर। सामने से गले लगा, पीठ में छुरा लगाने का इरादा मत कर। मन में जो तेरे है दिल खोल के बता, यू झूठी खुशी का तमाशा मत कर। ऐ मेरे दोस्त तू खुले आम दुश्मनी कर ले, यू झूठी दोस्ती का दिखावा मत कर।। मेरे भरे जख्मों को कुरेदकर, बेवजह मलहम लगाने का बहाना मत कर। पीछे से कालिख लगा फिर चमकाने के दिखावा मत कर। मेरे मन में आतिश लगाकर, आब से बुझाने का बहाना मत कर। मेरे दिल के राजों को बयां कर, राजदार बनने का दिखावा मत कर। ऐ मेरे दोस्त तू सरे आम दुश्मनी कर ले, यू झूठी दोस्ती का दिखावा मत कर।। मेरी आँख में धूल झोंक फिर आँसू पोछने का छलावा मत कर। मेरी अस्काम(कमियों) को बया कर, मुझ पर झूठी दया का तमाशा मत कर। मेरे नाम को बदनाम कर झूठा नाम बनाने का बहाना मत कर। ऐ मेरे दोस्त तू खुले आम दुश्मनी कर ले, यू झूठी दोस्ती का दिखावा मत कर।। दोस्ती का दिखावा