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#OpenPoetry यादें यादों से भरी बचपन की गलियाँ याद

#OpenPoetry यादें 
यादों से भरी बचपन की गलियाँ याद मुझे जब आती हैं
खुशबू से भरी फूलों की कलियाँ याद मुझे जब आती हैं
मेरे गाँव की मिट्टी की सुगंध कोना कोना महकाती है
दादी नानी की कहानी भी अब इतना मुझे सताती है
जब माँ की उस मीठी लोरी की आवाज सुनाई देती है
नदियों के जल की कलकल एक राग दिखाई देती है
चिड़ियों के कलरव की मधुरिम आवाज सुनाई देती है
बचपन के इन सब किस्सों की याद मुझे जब आती है
मेरे उस बचपन की सारी यादें ताजा हो जाती है
।।नरेन्द्र कुमार।। Divya Joshi Eklavya Jain Esha Joshi Harishita Singh Shikha Thakur
#OpenPoetry यादें 
यादों से भरी बचपन की गलियाँ याद मुझे जब आती हैं
खुशबू से भरी फूलों की कलियाँ याद मुझे जब आती हैं
मेरे गाँव की मिट्टी की सुगंध कोना कोना महकाती है
दादी नानी की कहानी भी अब इतना मुझे सताती है
जब माँ की उस मीठी लोरी की आवाज सुनाई देती है
नदियों के जल की कलकल एक राग दिखाई देती है
चिड़ियों के कलरव की मधुरिम आवाज सुनाई देती है
बचपन के इन सब किस्सों की याद मुझे जब आती है
मेरे उस बचपन की सारी यादें ताजा हो जाती है
।।नरेन्द्र कुमार।। Divya Joshi Eklavya Jain Esha Joshi Harishita Singh Shikha Thakur