#OpenPoetry यादें यादों से भरी बचपन की गलियाँ याद मुझे जब आती हैं खुशबू से भरी फूलों की कलियाँ याद मुझे जब आती हैं मेरे गाँव की मिट्टी की सुगंध कोना कोना महकाती है दादी नानी की कहानी भी अब इतना मुझे सताती है जब माँ की उस मीठी लोरी की आवाज सुनाई देती है नदियों के जल की कलकल एक राग दिखाई देती है चिड़ियों के कलरव की मधुरिम आवाज सुनाई देती है बचपन के इन सब किस्सों की याद मुझे जब आती है मेरे उस बचपन की सारी यादें ताजा हो जाती है ।।नरेन्द्र कुमार।।