मैं जो बहक जाऊँ और तुम्हारा नाम महफ़िल में ले जाऊं, सुनो तुम मुस्कुरा कर मुकुर जाना, कयोंकि अब प्यार नहीं नफरत है तुमसे। जैसे ही तुम्हारे पास आकर रुक भी जाऊ , और उसी अंदाज़ में देखु तुझे , तो ये मत समझना प्यार है नफरत है तुमसे। तुम खिड़की खोलो और सामने मैं आ भी जाऊ , और जुल्फे सवारता देखता रह जाऊ , तो ये मत समझना प्यार है नफरत है तुमसे। हवा रूहानी से चले , याद पुरानी सी लगे , और महसूस हो तुम्हे , तो ये मत समझना प्यार है नफरत है तुमसे। तुम्हारे बच्चे मेरे पास आ भी जाए, और माथा उनका गलती से चूूम जाऊं, तो ये मत समझना प्यार है नफरत है तुमसे। हमारी तुम्हारी यादों की किताबें जलाते वक्त, मेरा लिखा हुआ खत उङकर खिडकी पर तुम्हारी रूक भी जाए, तो ये मत समझना प्यार है , नफरत है तुमसे। नफरत है तुमसे। ✍@_Vkjangir- नफरत है तुमसे। @Nojoto #Nojotonews #Ahasaas #Poetry #Peom Priyanka Yadav