देख आईना मुस्कुराती रही एक तुझे ही गुनगुनाती रही है तू ही मेरा हमसाया सनम देख खुद को ही लजाती रही तेरे नाम की पहनकर पायल छम छम छम छनकाती रही डूबकर तेरे इश्क़ में तो.... जाम तुझे ही पिलाती रही बना काजल आंखों का मै तुझे ही पल-पल लगाती रही संग तेरे ही रहने को मैं .... उम्मीद का दिया जलाती रही तुम संग जीऊं,पल- पल ऐसा स्वप्न मैं सजाती रही बन जाऊँ रोशनदान तेरी जुगनू बन मैं जगमगाती रही बन दीवानी सिसक-सिसक कर खुद को ही पागल बनाती रही न जाने कैसा डर है समाया जिसे देख मैं नज़रे चुराती रही....।। अंजली श्रीवास्तव देख आईना मुस्कुराती रही एक तुझे ही गुनगुनाती रही है तू ही मेरा हमसाया सनम देख खुद को ही लजाती रही तेरे नाम की पहनकर पायल छम छम छम छनकाती रही