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खुदगर्ज हूँ अपनी खुद्दारी पर, तल्ख़ तेवर और मेरा ज़म

खुदगर्ज हूँ अपनी खुद्दारी पर,
तल्ख़ तेवर और मेरा ज़मीर जिंदा है।
में किस्मत वाला तब तक हूँ,
जब तक मेरे हाथों की लकीर और,
जिम्मेदारी का पथिक मेरा कंधा है।

©manish kumar gaur #Nojoto #Jab #जमीर #वक्त 

#fourlinepoetry  Dreamz21 imganesh Patil Shristi Yadav YashiArora Dr. Sonia shastri
खुदगर्ज हूँ अपनी खुद्दारी पर,
तल्ख़ तेवर और मेरा ज़मीर जिंदा है।
में किस्मत वाला तब तक हूँ,
जब तक मेरे हाथों की लकीर और,
जिम्मेदारी का पथिक मेरा कंधा है।

©manish kumar gaur #Nojoto #Jab #जमीर #वक्त 

#fourlinepoetry  Dreamz21 imganesh Patil Shristi Yadav YashiArora Dr. Sonia shastri