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अलीगढ़ को थोड़ा चलो हम काशी बनाते हैं, केसरीया में

अलीगढ़ को थोड़ा चलो हम काशी बनाते हैं,
केसरीया में चलो अब थोड़ा  हरा मिलाते हैं.
(check caption)  चलो मिलके एक बगीचा उगाते हैं,
सब रंगों के फूल उस में खिलाते हैं.
तोड़ देते हैं धर्म जात के बंधन हम,
एकता से जी सकें ऐसा एक धर्म बनाते हैं.

माँ का अम्मी से अब कोई बैर ना रहे,
अब्बा को पापा से शिकायत ना रहे.
मंदिर-मस्जिद का ये भेद भूल जाते हैं,
अलीगढ़ को थोड़ा चलो हम काशी बनाते हैं,
केसरीया में चलो अब थोड़ा  हरा मिलाते हैं.
(check caption)  चलो मिलके एक बगीचा उगाते हैं,
सब रंगों के फूल उस में खिलाते हैं.
तोड़ देते हैं धर्म जात के बंधन हम,
एकता से जी सकें ऐसा एक धर्म बनाते हैं.

माँ का अम्मी से अब कोई बैर ना रहे,
अब्बा को पापा से शिकायत ना रहे.
मंदिर-मस्जिद का ये भेद भूल जाते हैं,
nojotouser1472989357

शुभी

New Creator

चलो मिलके एक बगीचा उगाते हैं, सब रंगों के फूल उस में खिलाते हैं. तोड़ देते हैं धर्म जात के बंधन हम, एकता से जी सकें ऐसा एक धर्म बनाते हैं. माँ का अम्मी से अब कोई बैर ना रहे, अब्बा को पापा से शिकायत ना रहे. मंदिर-मस्जिद का ये भेद भूल जाते हैं, #yqbaba #Dimri #riseabovereligion #yqdidi #yopowrimo