जब से उनसे मिली हैं ये नज़रे हमारी, हमने हर किसी पर अब मरना छोड़ दिया...... उनके मोहल्ले से पहले की तरह हमने, इक अरसे से अब गुज़रना छोड़ दिया........... उनकी इज़्ज़त की खातिर तो अब हमने, हर किसी से बेवजह लड़ना छोड़ दिया.......... जब से वो खफ़ा हुए बैठे हैं दूर हमसे, यकीन मानो हमने भी हंसना छोड़ दिया........ हमने उनको जब नज़र की बेहतरीन ग़ज़ल, उन्होंने दूसरे शायरों को पढ़ना छोड़ दिया....... हमने उनकी नज़र को कातिल क्या कहा, उन्होंने हमें नज़रअंदाज़ करना छोड़ दिया....... -मनीष कुमार सैनी..........✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻 ©Poet Maddy जब से उनसे मिली हैं ये नज़रे हमारी, हमने हर किसी पर अब मरना छोड़ दिया...... #Eyes#Before#Neighbourhood#Respect#Fighting#Believe#Laughing#Poet#Killer#Ignore.......