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मैं कहता हूँ राम तो समझ नहीं आता, मैं कहता हूँ आम

मैं कहता हूँ राम
तो समझ नहीं आता,
मैं कहता हूँ आम
तो स्वाद नहीं भाता
मैं कहता हूँ प्रणाम
तो बस नेता जी बिफर पड़ते हैं
'जिंदगी कठिन दिखती है
जब केश सफ़ेद हो गिरते हैं
मैंने जिंदगी यहीं गुजारी है'
कहा मैंने हम सपरिवार
आपके आभारी हैं।
ये मेरा देश है
जहाँ चहुंओर कोई न कोई 
रेस है।
सबके अलग अलग बाप हैं
सबकी आस्तीन में सांप है
फिर भी सब एक हैं कि
सबकी कफ़न का एक नाप है। समझ नहीं आता
मैं कहता हूँ राम
तो समझ नहीं आता,
मैं कहता हूँ आम
तो स्वाद नहीं भाता
मैं कहता हूँ प्रणाम
तो बस नेता जी बिफर पड़ते हैं
'जिंदगी कठिन दिखती है
जब केश सफ़ेद हो गिरते हैं
मैंने जिंदगी यहीं गुजारी है'
कहा मैंने हम सपरिवार
आपके आभारी हैं।
ये मेरा देश है
जहाँ चहुंओर कोई न कोई 
रेस है।
सबके अलग अलग बाप हैं
सबकी आस्तीन में सांप है
फिर भी सब एक हैं कि
सबकी कफ़न का एक नाप है। समझ नहीं आता

समझ नहीं आता