Nojoto: Largest Storytelling Platform

आखिर किस बात का हंगामा हो रहा था? जब दर्द जिस्म स

आखिर किस बात का हंगामा हो रहा था? जब दर्द जिस्म  से जुदा हो रहा था 
चीखे भरी थी जुबानों पे 
हर शख्स तब किसी अपने को खो रहा था 
इस आतंक की धधकती आग से 
अंधेर भविष्य का धुआ हर मासुम पलकों को भिगो रहा था 
ये दर्द की पुकारे कानो मे पडती नही इन जाबिरो के 
फिर भी ना जाने क्यों बेवजह हंगामा हो रहा था । #NojotoQuote आखिर किस बात का हंगामा हो रहा था
आखिर किस बात का हंगामा हो रहा था? जब दर्द जिस्म  से जुदा हो रहा था 
चीखे भरी थी जुबानों पे 
हर शख्स तब किसी अपने को खो रहा था 
इस आतंक की धधकती आग से 
अंधेर भविष्य का धुआ हर मासुम पलकों को भिगो रहा था 
ये दर्द की पुकारे कानो मे पडती नही इन जाबिरो के 
फिर भी ना जाने क्यों बेवजह हंगामा हो रहा था । #NojotoQuote आखिर किस बात का हंगामा हो रहा था

आखिर किस बात का हंगामा हो रहा था