न.... न तो में कोई खिलोना हुँ, मुझे भी जीनेका हक है. मुझ मैं भी जान है,कुछ सपने भी, जो समाज ने मुझसे छीन जो लिए थे, ए केसी रीति है भला भाई करे तो वाह, में मेरे सपने अरमान पुरा करुं तो आह. में भी इंसान हुँ,मुझे कम न समजो, मेरी वजह से आप इस दुनिया मे आते हो। मेरे बीना ए दुनिया सुनी सुनी, मेरे बीन रहा न जाए, ए बात मेरे पल्ले न पडी आपकी, यही हकीकत है समाज आपकी. में हुँ तो दुनिया है, मुझे लड़को की चाहत में, एसे न कुचला करो, में हुँ तो दुनिया है में एक एसी पहेली हूँ, जीसे कोई सुलझा नहीं पाया, जीसने कोशिश की मुझे सुलझाने की, वह खुद पहेली बन गया, में वही पहेली हुँ, हा में एक औरत हुँ. शैमी ओझा लफ्ज़ न.... न तो में कोई खिलोना हुँ, मुझे भी जीनेका हक है. मुझ मैं भी जान है,कुछ सपने भी, जो समाज ने मुझसे छीन जो लिए थे, ए केसी रीति है भला भाई करे तो वाह,