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टूटे थे शाखों से कभी बिखरे तो हम सूख गए फिर खाद ब

टूटे थे
शाखों से कभी
बिखरे तो हम सूख गए 
फिर खाद बने
तो जड़ों ने खींचा 
फिर से शाखों में आ
ये पैगाम लाए हैं
कि हारना मत
फिर से लौटेंगे दिन तुम्हारे
लौटेंगे चाहने वाले
जैसे वसंत में शाखों पर
फिर से वापस हम आए हैं।

©Shukla Dhananjay #vasant
टूटे थे
शाखों से कभी
बिखरे तो हम सूख गए 
फिर खाद बने
तो जड़ों ने खींचा 
फिर से शाखों में आ
ये पैगाम लाए हैं
कि हारना मत
फिर से लौटेंगे दिन तुम्हारे
लौटेंगे चाहने वाले
जैसे वसंत में शाखों पर
फिर से वापस हम आए हैं।

©Shukla Dhananjay #vasant