गज़ब बात है न "हिमांश", एक क़लम से कई अल्फाज़ बनते हैं शांत तो बहुत रहते हैं मगर, अंदर कहीं-न-कहीं क़ोई तो सवाल करते हैं ॥ बस एक सवाल ही तो है..!!!