न राधा बनु मैं, न मीरा बनु मैं। तराशा गया हो न, वो हीरा बनु मैं। परख ले मुझे जो, मेरे कालेपन में। उसके ही रंग में, अंग-अंग सनु मैं। मिटा दूँ मैं खुद को, उसके ही ख़ातिर। लिखी जो न अब तक, वो "कहानी" बनु मैं। #shatyagashi #अद्वितीय_प्रेम