वो लफ्ज़ दर लफ्ज़ मेरे किस्सों से दूर होता गया जो गुरूर था तेरी आंखों पर तेरे दूर होने से वो भी चुर सा होता गया अब में नहीं करती किसी और को अपना कहने की भूल जो था अपना वो भी पराया सा होता गया और किस - किस से कहूं मत समझो मुझे खुदगर्ज में खुदगर्ज नहीं हूं जिसे केद किया था अपनी पनाहो में वो होकर बेवफ़ा आजाद हो गया #लफ्ज़#poetrylover#poetry#sadpoetry#RKA#raahikealfaaz#nojoto