YQ पर रिश्ते अनेक बने बिन सशरीर मुलाकातों के कोई भाई सा दोस्त बना किसी से बहन सा प्यार मिला कोई दोस्त ख़ास हुआ किन्हीं किन्हीं ने जज्बातों को छुआ... कुछ बिना वजह झांक चले गए कुछ ठहर बिन बताए बिदा हुऐ.. सार कहूं तो यही रहा.. बगीया ये प्रेम की अनेकोअनेक फुलों से सजी है बस वक्त सबका अलग अलग है कौन कब खिलता है कब महकता है कब मुस्कुराता है.. हर्फों को मोतियां सा पिरों जज़्बातों की माला बना सभी लिखते हैं किन्हीं किन्हीं के ख्यालातों से विचारों का मेल हो जाता है किन्हीं का दिल मैला होता है.. कोई दिल दुखी कर जाता हैं.. पर एक अच्छा प्लेटफॉर्म देता है लोगो को उन्मुक्त हों लिखने का... Hello Resties!❤ Join in on our YQ's birthday celebration by collaborating and sharing your experiences!😊 Highlight and share this beautiful post so no one misses it!😍 Do check out our pinned post😁