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हुआ कुछ ऐसा की मेरा हर "ख़्वाब" टूटा हर "लहरों" स

हुआ कुछ ऐसा की मेरा हर "ख़्वाब" टूटा 
हर "लहरों" से यूँ "सागर"  का हाथ छूटा 
"वक़्त" की करवट ने हर "ज़ख़्म" कुरेदा 
मरहम भी रखा और  फ़िर ग़म  में जोखा 

हर आरज़ू   खुद मिट गयी इस "दिल" की 
मेरे हर ख़्वाबों  ने खुद को कफ़न में देखा 
अपनों के संग हम असलियत से अनजान 
खुद को गैरो की '"महफ़िल" में खड़े देखा  ♥️ Challenge-537 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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हुआ कुछ ऐसा की मेरा हर "ख़्वाब" टूटा 
हर "लहरों" से यूँ "सागर"  का हाथ छूटा 
"वक़्त" की करवट ने हर "ज़ख़्म" कुरेदा 
मरहम भी रखा और  फ़िर ग़म  में जोखा 

हर आरज़ू   खुद मिट गयी इस "दिल" की 
मेरे हर ख़्वाबों  ने खुद को कफ़न में देखा 
अपनों के संग हम असलियत से अनजान 
खुद को गैरो की '"महफ़िल" में खड़े देखा  ♥️ Challenge-537 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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krishvj9297

Krish Vj

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