सुनो जानाँ...! तुम इस अमावस्या की काली रात के ही जैसे हो... सुनो जानाँ....! मालूम है तुम्हें..? तुम हु-ब-हू इस अमावस्या की काली रात के जैसे हो..... जिसमें सिर्फ इस अंधकार