आज ज़िक्र छिड़ा है उन बातों का जो 'बात' होने के अलावा मज़ेदार भी है क्योंकि कभी तो यह शुरू नही होती तो कभी ख़त्म नही होती हो जाती है किसी पल तन्हा सी और कई बार मवाली सी घिरी हुई कभी काम की होती है तो कभी जैसे फ़िज़ूलख़र्ची हो वक़्त की कभी सिर दर्द बनकर कभी कोई लेप मरहम सीधे को चंट चंट को सीधा कहती कहती क्या कटाक्ष करती कभी ऐसी तो कभी वैसी जैसी भी है,है मज़ेदार क्योंकि...बताया न कि कभी ये शुरू नही होती तो कभी ख़त्म नही होती... क्योंकि... कभी ये शुरू नही होती तो कभी ख़त्म नही होती... #nojotohindi #nojoto #anuandherdiary #feelings