आजाद भारत की आजाद सोच से मिलकर देखो, क्या कहती हैं उनकी खामोशियाँ ज़रा सुनकर देखो, देखो कि हमारा भारत क्या सचमुच आजाद हुआ है, अगर हाँ तो इस आजादी की कीमत समझ कर देखो ये वो आजादी है, जो हमारे पूर्वज छोड़ गए विरासत में, वही आजादी, जिसे हम भुला रहे हैं धर्म के सियासत में, बाँट डाला है देश को टुकड़ों में फिर भी संतुष्ट नहीं हैं हम, देश को देश नहीं, रोटी का टुकड़ा समझ रखा है रियासत ने, अशिक्षा है मगर उससे लड़ना नहीं, धर्म के नाम पर होते दंगे हैं, किसी ने घूस से है जेब भरी तो कई लोग सड़कों पे सोते नंगे हैं, काहे का राजनेता, काहे की सत्ता, सिर्फ भ्रष्टाचार की सरकार है, जितने भी यहाँ समाज के झूठे रक्षक हैं सबके हाथ खून से रंगे हैं, 🙏पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें🙏 (Full piece in the caption) 🇮🇳 आजाद भारत की आजाद सोच🇮🇳 आजाद भारत की आजाद सोच से मिलकर देखो, क्या कहती हैं उनकी खामोशियाँ ज़रा सुनकर देखो, देखो कि हमारा भारत क्या सचमुच आजाद हुआ है, अगर हाँ तो इस आजादी की कीमत समझ कर देखो ये वो आजादी है, जो हमारे पूर्वज छोड़ गए विरासत में,