किसी ने कहा____ क्यूं तुम यूं किताबों से बातें करते हो कुछ अच्छा करो क्यों वक़्त जाया करते हो,,,, सारा दिन पनों पर उलिकते हो कुछ और कुछ मिटाया करते हो कहीं तुम पागल तो नहीं हो ? मोहब्बत को प्यार नहीं इश्क़ को जनुन बताया करते हो क्या सोचते हो ? क्यूं शब्दों को टेढ़ा मेडा बोलकर खुद को शायर बताया करते हो "मैं"______ अकसर मैं लोगों से मिलता हूं मिलने का बाद पछताया करता हूं इंसान जब अपनी फितरत का जौहर दिखाते है तब मैं किताबों से दिल लगाया करता हूं।।।।। जज़्बात जब कभी हावी होते है मुझ पर मैं खुद को शायर नहीं कहता बस वो जज़्बात अल्फ़ाज़ के रूप में कोरे पन्नों पर सजाया करता हूं ©Vikash shyoran #emptystreets $ri... Neha Nautiyal Heart beat..... 💞