इस कदर बेरुखी से मुंह मोड़ती नहीं, मेरी उम्मीदें कभी तोड़ती नहीं, तुझसे कहीं बेहतर हैं यादें तेरी, जो मुझे तन्हा कभी छोड़ती नहीं। ©Mahendra Pratap #poem #Poetry #Shayar #baarish