मेरे सपनों के अचेतन से चेतन हो जाने का कारण गहरा मर्म है, हो गई जो आज परिश्रम की सु-भोर मिट गया वह सारा भ्रम है, नवल किरणों से ले ज्ञानता का अविचल भस्म खुद में रमाया है, कर दृढ़निश्चय पार कर जाऊँगी तूफानों को मेरा हिस्सा लेना धर्म है, न भटकना प्यारे पंक्षी इस अलबेली सी दुनिया मे यहाँ कोई न अपना है। Collab challenge Time - 8/2/21 (7:00pm) Line - 1to 5 #ayushgupta20 #iamwriter20 #मेरे सपनों #YourQuoteAndMine Collaborating with I Am Writer