"बावळी" झूठों है संसार बावळी, साँची म्हारी प्रीत बावळी, या तन तो माटी रो पुतलों, बूद पड़ै गळ जाय बावळी, रंग रसिया पाकै रंग काळो, गोरौ रंग तो चाव बावळी, मिलणो तो दो नैना रो मिलणो, घूँघट तो है ओट बावळी, झूठों जग झूठी है बातां, इणमें मत भरमाव बावळी, तू तो जग री जगत नदी है, म्हारौ दिल दरियाव बावळी, धौळो कागज काळी स्याही, जया थारौ-म्हारौ जोड़ बावळी, थांरी -म्हारी प्रीत पुरानी, जन्म-जन्म को साथ बावळी, गैलो तन गैली है माया, साँचों तो "अवतार"बावळी #NojotoQuote कविता-बावळी Dr.Ramavtar revari makvana