कागज़ के टुकड़े, टुकड़ो में दिल, माना मैंने गलती मेरी, तुझे समझा मंजिल, अब किस्से मैं लिखू, लिखू मैं यादें, जाने कितना लिखा और कितने कागज़ फाड़े, और दिल तो जैसे अब पत्थर हुआ, इससे खेलु ऐसे जैसे मोहब्बत हो जुआ, ख़ता तो मेरी है जो मैंने तुझे छुआ, लगी चोट ऐसे जैसे कोई बद्दुआ। #ekglti #nojotohindi #nojotoapp