राधे राधे जो केवल शुद्धस्वरुप आत्मा को कर्ता समझता है वह मलिन बुद्धिवाला अज्ञानी यथार्त नहीं समझता है ।। श्री मद् भगवत गीता - ( अध्याय 18, श्लोक 16 ) ©Manish Tiwari कृष्णवाणी follow me on Instagram 👇 www.instagram.com/mtorchha . . . . .