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अल्फ़ाज़ तेरा नूर तेरी पहचान हो सकता , मेरी ये बेजुब

अल्फ़ाज़ तेरा नूर तेरी पहचान हो सकता ,
मेरी ये बेजुबान अल्फ़ाज हैं।।
कभी बयाँ-ए-इश्क़ तो कभी,
तेरी ज़बान के जख्मों की ,
मलहम ये  अल्फ़ाज हैं ।। #अल्फ़ाज , #मलहम, #इश्क़
अल्फ़ाज़ तेरा नूर तेरी पहचान हो सकता ,
मेरी ये बेजुबान अल्फ़ाज हैं।।
कभी बयाँ-ए-इश्क़ तो कभी,
तेरी ज़बान के जख्मों की ,
मलहम ये  अल्फ़ाज हैं ।। #अल्फ़ाज , #मलहम, #इश्क़