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सून जरा ए तकदीर अब तो हाथों की लकिरे भी मिट गयी आ

सून जरा ए तकदीर अब तो हाथों की 
लकिरे भी मिट गयी आंसू पोछते पोछते

शब्दवेडी
 #१५/३६५
सून जरा ए तकदीर अब तो हाथों की 
लकिरे भी मिट गयी आंसू पोछते पोछते

शब्दवेडी
 #१५/३६५