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जैसे पके फलों को गिरने के अतिरिक्त कोई भय नहीं "

जैसे पके फलों को गिरने के अतिरिक्त 
कोई भय नहीं "
 उसी प्रकार जिसने ज्ञान लिया है, 
उस मनुष्य को मृत्यु के अतिरिक्त 
कोई भय नहीं "
 मृत्यु अटल है, अतः उससे भी भय नहीं. 
असली भय तो मृत्युपूर्व किये कर्मों का   है,

©G0V!ND DHAkAD #darrlagtahaikyo?


डर कहीं और नहीं बस आपके मगज(दिमाग) में होता है। ...
डर हमेशा अज्ञानता से पैदा होता है। ...
जो जिंदगी की चुनौतियों का सामना करने से डरता है, उसका असफल होना निश्चित है। ...
जिसे भविष्य का भय नहीं होता, व
ही वर्तमान का आनंद उठा सकता है। ...
जैसे पके फलों को गिरने के अतिरिक्त 
कोई भय नहीं "
 उसी प्रकार जिसने ज्ञान लिया है, 
उस मनुष्य को मृत्यु के अतिरिक्त 
कोई भय नहीं "
 मृत्यु अटल है, अतः उससे भी भय नहीं. 
असली भय तो मृत्युपूर्व किये कर्मों का   है,

©G0V!ND DHAkAD #darrlagtahaikyo?


डर कहीं और नहीं बस आपके मगज(दिमाग) में होता है। ...
डर हमेशा अज्ञानता से पैदा होता है। ...
जो जिंदगी की चुनौतियों का सामना करने से डरता है, उसका असफल होना निश्चित है। ...
जिसे भविष्य का भय नहीं होता, व
ही वर्तमान का आनंद उठा सकता है। ...