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ना धूप ना गरमी ना बरसात से हारा था वह बचपन मेरा क

ना धूप ना गरमी ना बरसात से हारा था 
वह बचपन मेरा कितना आवारा था 

 ना खाने का ना जिम्मेदारियों का ठिकाना था
निकल पड़ते थे जब मन आता था वो बचपन का एक ज़माना था

बाप कि कमाई पे कुछ यूं इतराया करते थे
होली हो दिवाली हर बार नये कपड़े लाया करते थे  #NojotoQuote repeating same post coz in hindi
ना धूप ना गरमी ना बरसात से हारा था 
वह बचपन मेरा कितना आवारा था 

 ना खाने का ना जिम्मेदारियों का ठिकाना था
निकल पड़ते थे जब मन आता था वो बचपन का एक ज़माना था

बाप कि कमाई पे कुछ यूं इतराया करते थे
होली हो दिवाली हर बार नये कपड़े लाया करते थे  #NojotoQuote repeating same post coz in hindi
mshweta1456724

mshweta145

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