जब रात रकाबत पर उतर आती है तो सोने नहीं देती कभी इस करवट पटकती है तो कभी उस करवट फैंकती है उस आवारा पेंडुलम की तरह जिसका धागा उसकी चाल से ही उलझा हो जब रात रकाबत पर उतर आती है तो लड़खड़ा कर नहीं गिरती सर तक चढ़ जाती है कच्ची शराब की तरह जिसकी हैंगओवर दिमाग में घर बना लेता है और उतरने का नाम नहीं लेता जब रात रकाबत पर उतर आती है तो ख़्वाबों के काज़ पर अटक जाती है पतलून की चेन से फंसी लिंग की खाल की तरह ना खींचते बनता है ना सहलाते बनता है जब रात रकाबत पर उतर आती है तब रात रकाबत पर उतर आती है #nojotopune #skand #kavishala #tassavuf #mera_aks_paraya_tha #मेरा_अक्स_पराया_था #रात_रकाबत