अपने ही गिरेबां में झाँक लेता हूँ अपनी ही औकात में रह लेता हूँ। देखता हूँ खुद हर रोज जो आईना मैं वही दूसरों को भी दिखा देता हूँ। यही बात है औरों से अलग मुझमें इसीलिए बेवाकी से सच कह लेता हूँ। अपने ही गिरेबाँ में झाँक लेता हूँ अपनी ही औकात में रह लेता हूँ। बी डी शर्मा चंडीगढ़ 23.10.2020 गिरेबां