मानवता ही नहीं रही कोई.. मत मारो इसे किसी धर्म के आड़ पर.. जब देश ही नहीं बचेगा तो क्या शमशान में रहोगे.. #मानवता_धर्म #सुचितापाण्डेय मानवता को मत मारो किसी धर्म के आड़ पर.. जब देश ही नहीं बचेगा तो क्या शमशान में रहोगे..