जो भी गलतियाँ / साज़िशें किसी भी धर्म की वज़ह से हमारी वैश्विक शांति और सौहार्द को भंग करती हैं, संबंधित धर्म के लोगों को उसको अस्वीकार कर अप्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहन देने से अच्छा है कि उसको दूसरे धर्म के लोगों द्वारा आरोप लगाने का मौका देने से पहले ही स्वीकार कर उस ऊर्जा को बेहतरी के लिए परिवर्तित करने की कोशिश करनी चाहिए, जुर्म को स्वीकार कर लेने मात्र से ही आधे ज़ुर्म उसी वक़्त कम हो सकते हैं। और यह वसुधैव कुटुंबकम के लिये एक सुखद कदम हो सकता है। ... @संजीता'प्रकृति'❤️ ©Sanjeetaa Dhaka #peaceandprosperity