दर्द अपना लिख ना पाये उंगलियां जलती रही किस्मत के पहरे में दिल की चिट्ठियां जलती रही तुमसे मिलना चाह तो देश मे रेलगाड़ियां जलती रही तुम मुझसे मिलने ना आ सके तुम मजबूरियों में जलती रही दर्द अपना लिख ना पाये उंगलियां जलती रही किस्मत के पहरे में दिल की चिट्ठियां जलती रही ©Dalveer Singh #holdinghands #मजबूरियाँ