रुह के लिबास से मोहब्बत करने में वो इस कदर मसरूफ हुए, कि सच्चे इश्क की उस सीढ़ी पर दिल-ए-पाकीज़ा करने को उनके सैंकड़ों सजदे भी ना कबूल हुए... सजदा...