बिखर जाता हूं जब तुझे याद करता हूं , तेरी हर एक बात मुझे जोड़ देती है , कहने को जिंदा हूं लेकिन , अंदर की रूह तेरे इंतज़ार में नहीं रही ।। रूह का परिंदा