White मैं तूफ़ानों में चलने का आदी हूँ.. तुम मत मेरी मंजिल आसान करो.. हैं फ़ूल रोकते, काटें मुझे चलाते.. मरुस्थल, पहाड़ चलने की चाह बढाते.. सच कहता हूं जब मुश्किलें ना होती हैं.. मेरे पग तब चलने में भी शर्माते.. मेरे संग चलने लगे हवायें जिससे.. तुम पथ के कण-कण को तूफ़ान करो.. मैं तूफ़ानों में चलने का आदी हूँ... तुम मत मेरी मंजिल आसान करो.. ©Aman Kumar #प्रेरणादायक