इंतज़ार की मसरूफ़ियत में तुम बेहद तड़पाती हो मुझमें तन्हाई और दूरी लाकर बेहद तड़पाती हो हर राहों में तुम झलकती हो फ़िर क्यों तुम मुझे चाहकर बेहद सताती हो? आवारगी में ठहरा मशहूर मैं ख़ानाबदोश फ़िर क्यों तुम मृगतृष्णा के रूप में नज़र आती हो? अगर खफा होना ही था मुझसे फ़िर क्यों तुम मेरी नज़रों में आकर चली जाती हो? तेरे चुलबुलेपन में थी मेरी भी हरकतें फ़िर क्यों तुम मेरे जीवन में खुशियां लाती हो? गुलाबी सा मौसम भी अब पतझड़ हो गया फिर क्यों तुम मेरे दिल में प्यार बरसाती हो? चाहकर भी तुम याद तो करोगी इस आवारे को फ़िर क्यों तुम मेरे दिल में अपना नाम लिख जाती हो? अगर आना ही था इस दिल में फ़िर क्यों तुम मेरे यादों के पन्ने मिटाती हो? वापस यादों के पन्ने लाकर नई कहानी बनाओगी फ़िर क्यों तुम मेरे वक्त की बेसब्री बढ़ाती हो? फ़िर क्यों तुम? #nojoto#shayari #randomthoughts #writersofindia #poetryporn #nojotoofficial #hindishayari #poems#hindipoetry #hindiwriters#writing#wordporn #wordswag #wordsofwisdom #thoughts#onesided #unrequited#poetry#pyaar #mohabbat#feelings #writersofindia #artist#beingme #hashtaggerzak#poemsindia #writerscommunity