बेवक्त है, या तेरी मुर्तजा है ये, किस्मत पर नहीं है यकीन हमे, जो हो अगर तेरी चाहत, तो फिर कबूल-ए-इंतिहा है हमें, ये मिलना-बिछड़ना, पल भर के लिए चुभ जाता है मुझे, पर तेरी ख़ुशी है इसमें, तो मंजूर ये सजा भी है हमें। किस बात की सज़ा है ये... #सज़ा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #alex #chahatteri #trendingquotes #ishqsufiyana