मेरे ज़ेहन पर वो अपने, यूं निशान छोड़ गए जैसे ज्वार भाटे चट्टान तोड गए आए थे वो उफनती, सुनामी लहरों की तरह वो दिल का मेरा बांध, आलीशान तोड गए