तश्वीर है उन्हीं की मेरी रूह में बसी..,, उन्हीं से रौशन है मेरे यादों का शहर.... फासले है फ़क़त , ये जिस्मों के,.. तकती उन्हीं की राह निशदिन मेरी ये नज़र..! मुमकिन नहीं की उनको कभी हम भुला दे,, रूह से रूह का नाता नहीं है ये इश्क़ का सफ़र.. दो दिलों के मुहब्बत की कहानी है चंद घड़ियाँ नहीं.. कब से भटक रही आँख बहारों की आस में दरबदर..! खानाबदोश सी ज़िन्दगी हो गई है अब मेरी.. है दर्द-ए-नाकामी का इक दरिया छिपा हर डगर.. जिनकी मोहब्बत से आबाद था कभी मेरे दिल का चमन.., आज भी ढूंढ़ें उन्हीं को पागल बन हर गली, हर शहर....!! ©rishika khushi #tashveer #nojoto❤ #aajbhi #gajal